श्री ऋषिकुल ब्रह्मचर्याश्रम संस्कृत महाविद्यालय बिहार प्रांत के पूर्वी चंपारण जिला अंतर्गत पिपरा रेलवे स्टेशन से लगभग 2 किलोमीटर एवं पिपरा चौक से 1 किलोमीटर उत्तर स्थित ग्राम वेदीवन, मधुवन में अवस्थित है। ग्राम के प्रबुद्ध व्यक्तियों द्वारा ब्रह्मचर्याश्रम की व्यवस्था के अंतर्गत शिक्षा प्रदान करने हेतु स्वर्गीय लाल जी उपाध्याय द्वारा उपलब्ध कराए गए भूखंड जो स्वर्गीय राम वचन पांडे द्वारा संस्था के नाम दान दिया गया पर वर्ष 1944 में इस महाविद्यालय का श्री गणेश हुआ। वर्ष 1981-82 में कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा द्वारा इस महाविद्यालय को अंगीभूत इकाई घोषित किया गया। संस्थापक एवं प्रथम प्रधानाचार्य स्वर्गीय मुनीश चंद्र पाठक ने महाविद्यालय के उत्थान के लिए निरंतर प्रयासरत रहे । वर्तमान प्रधानाचार्य डॉ राजेंद्र प्रसाद चौधुर ने अपने प्रयास से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सहयोग से इस महाविद्यालय में महिला छात्रावास, प्रशासनिक भवन आदि का निर्माण करवाया गया।